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UMBILICAL HERNIA (नाभि हर्निया)
🏥 LifeCare Hospital
नाभि हर्निया (Umbilical Hernia) एक ऐसी स्थिति है जिसमें पेट की मांसपेशियों के बीच की दीवार कमजोर हो जाती है और आंत या फैट का हिस्सा नाभि के पास उभर आता है।
📌 Umbilical Hernia क्या है?
यह एक सामान्य प्रकार का हर्निया होता है, खासकर बच्चों और मोटे व्यक्तियों में। इसमें नाभि के पास से पेट की परतें बाहर की ओर निकल आती हैं।
👶 अधिकतर यह दो समूहों में होता है:
- नवजात शिशु (Newborn babies)
- वयस्क (Adult) – खासकर जो बहुत वजन उठाते हैं, या जिन्हें बार-बार कब्ज, खांसी होती है।
⚠️ लक्षण (Symptoms)
- नाभि के पास सूजन या गांठ
- हँसते, रोते या खाँसते समय गांठ का उभरना
- हल्का दर्द या खिंचाव महसूस होना
- Severe condition में: उल्टी, अधिक दर्द
🔍 कारण (Causes)
- पेट पर अधिक दबाव (जैसे प्रेग्नेंसी, मोटापा)
- बार-बार खांसी या कब्ज
- भारी वजन उठाना
- नवजात में पेट की दीवार का पूर्ण विकास न होना
🔬 Diagnosis (जाँच)
- Physical Examination – डॉक्टर गांठ palpate करते हैं
- Ultrasound of Abdomen
- CT Scan (कभी-कभी गंभीर मामलों में)
💊 इलाज (Treatment)
1. दवा द्वारा (Conservative in infants):
शिशुओं में अधिकतर यह स्वतः 1-2 साल की उम्र तक ठीक हो जाता है।
2. Surgery (Umbilical Herniorrhaphy):
- Adult में आवश्यक होता है
- Hernia sac को हटाया जाता है और मांसपेशियों को सिल दिया जाता है
- कभी-कभी Mesh का उपयोग भी किया जाता है
🧪 Surgery के बाद देखभाल (Post-operative care)
- भारी वजन न उठाएं
- सर्जरी के बाद 4-6 हफ्तों तक आराम
- एंटीबायोटिक एवं पेनकिलर का कोर्स पूरा करें
💊 Post-Surgery Medicine
दवा | डोज | अवधि |
---|---|---|
Amoxicillin-Clavulanate | 625mg TDS | 5 दिन |
Paracetamol | 500mg SOS | दर्द होने पर |
Pantoprazole | 40mg OD | 5 दिन खाली पेट |
🍽️ खानपान और परहेज़
✅ क्या खाएं:
- High fiber food (दलिया, हरी सब्ज़ियाँ)
- Lots of fluids (पानी, नारियल पानी)
- Soft & easily digestible food
❌ क्या न खाएं:
- बहुत तली-भुनी चीजें
- ज्यादा भारी भोजन (भोजन के तुरंत बाद झुकना ना करें)
- कब्ज बढ़ाने वाले फूड
📍 कब डॉक्टर से मिलें?
- गांठ में तेज दर्द हो
- सूजन नीली या काली दिखे
- उल्टी, बुखार के साथ सूजन हो
🧾 निष्कर्ष (Conclusion)
Umbilical Hernia एक सामान्य लेकिन अनदेखा करने पर खतरनाक रोग बन सकता है। बच्चों में यह खुद ठीक हो सकता है, लेकिन वयस्कों को Surgery कराना ही सुरक्षित उपाय है। सही समय पर पहचान और इलाज ज़रूरी है।
लेखक: Mahfooz Ansari | LifeCare Hospital | Blogger Medical Post
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